17 मिनट पहले
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हमास की कैद से छुटने के बाद 21 साल की मिया और 40 साल की अमित सौंसना की ये तस्वीरें सामने आईं।
हमास की कैद से रिहा किए गए बच्चों ने दावा किया है कि आतंकियों ने उनकी पहचान करने के लिए उनके पैर जलाए। इसके लिए मोटरसाइकिल के एग्जॉस्ट का इस्तेमाल किया गया। सभी बच्चों को मोटरसाइकिल पर बैठाया और उनके पैर जलते हुए एग्जॉस्ट पर रखे गए। इजराइली मीडिया हाउस यरुशलम पोस्ट के मुताबिक 12 साल के यागिल और 16 साल के याकोव ने रिहाई के बाद ये बातें अपने परिवार वालों को बताई।
उनके अंकल यानिव ने ये भी बताया की हमास ने ड्रग्स का इस्तेमाल कर उन्हें बार-बार एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट किया। इजराइल के पूर्व प्रधानमंत्री ने दोनों बच्चों की तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर की है। उन्होंने लिखा की हमास के लड़ाके राक्षस हैं उन्हें खत्म करना ही होगा।
वहीं सीजफायर के 7वें दिन 8 इजराइली बंधकों को आजाद किया गया है। इनमें से 2 महिलाएं गुरुवार दोपहर में ही रिहा कर दी गई थीं। 6 बंधकों को शाम को रिहा किया गया। बदले में इजराइल ने 30 फिलिस्तीनियों को रिहा किया। इनमें 22 बच्चे और 8 महिलाएं शामिल हैं।
12 साल के यागिल और 16 साल के याकोव को किबुत्ज नीर ओज से बंधक बनाया गया था।
ये तस्वीरें गुरुवार देर रात हमास की कैद से रिहा किए गए 8 इजराइलियों की है।
टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, हमास ने 7वें बैच में 40 साल की अमित सौंसना को आजाद किया। सौंसना किबुत्ज कफार अज्जा में रहती हैं। 7 अक्टूबर को हमास हमले के दौरान सौंसना ने अपने परिवार से बात की थी। उन्हें बताया था कि घर के बाहर आतंकी हैं। ये बोलने के बाद घर में गोलीबारी होने लगी। घरवाले नहीं जानते थे कि सौंसना को क्या हुआ है। 29 अक्टूबर को सेना ने जानकारी दी कि हमास ने उन्हें बंधक बना लिया है।
अमित सौंसना पेशे से वकील हैं।
हमास ने 21 साल की मिया को आजाद किया
हमास ने सीजफायर के 7वें दिन 21 साल की मिया स्कीम को आजाद किया। मिया वही बंधक है जिसके इलाज का वीडियो हमास ने 17 अक्टूबर को जारी किया था। हमास ने वीडियो जारी करते हुए कहा था कि विदेशी नागरिक हमारे मेहमान हैं। सभी बंधकों का ध्यान रखा जा रहा है। हालात सुधरने पर हम इन्हें रिहा कर देंगे। मिया के पास फ्रांस और इजराइल दोनों देशों की नागरिक है।
हमास ने 17 अक्टूबर को मिया ये वीडियो जारी किया था। इसमें डॉक्टर उसे पट्टी बांधते नजर आ रहे हैं।
रातभर चली रेड में 23 फिलिस्तीनी गिरफ्तार
इजराइली सेना हमास के खात्मे के लिए वेस्ट बैंक में रेड कर रही है। यहां रातभर में 23 फिलिस्तीनियों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से 10 हमास के आतंकी हैं। 7 अक्टूबर के बाद से अब तक वेस्ट बैंक में रह रहे 2100 से ज्यादा फिलिस्तीनियों के गिरफ्तार किया जा चुका है। सेना का कहना है कि इन लोगों के पास से हथियार बरामद हुए थे।
रामल्ला में रिहाई का जश्न, अलजजीरा के मुताबिक इजराइल फिलिस्तीनियों को रिहाई का जश्न मनाने से रोक रहा है
वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनी युवक की रिहाई के बाद जश्न मनाते उसके परिवार के लोग।
रामल्ला में रिहाई के बाद अपने पिता से गले मिलता फिलिस्तीनी युवक
सीजफायर के बीच 1,132 ट्रक मदद लेकर गाजा पहुंचे
24 नवंबर को शुरू हुए सीजफायर के बीच गाजा में 1.132 ट्रक मदद लेकर गाजा पहुंचे हैं। यह जानकारी फिलिस्तीनी रेड क्रिसेंट सोसाइटी (PRCS) ने दी। PRCS के मुताबिक, सीजपायर के दौरान हर दिन जरूरत का सामान लिए 220 ट्रकों ने गाजा में एंट्री ली। जंग के पहले यहां 500 ट्रक मदद लेकर पहुंचते थे। वहीं, मदद पहुंचाने वाली कई एजेंसी का कहना है कि गाजा में हर दिन 200 से ज्यादा ट्रक मदद लेकर पहुंच रहे हैं, लेकिन ये मदद वहां रह रहे लोगों के लिए काफी नहीं है।
सीजफायर के बावजूद गाजा में हालात गंभीर हैं। लोगों को खाना नहीं मिल रहा है।
आतंक को आतंक से खत्म नहीं कर सकते: पोप
वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, ईसाइयों के सबसे बड़े धर्म गुरु पोप फ्रांसिस ने पिछले महीने इजराइली राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग से बात की थी। उन्होंने कहा था- गाजा में जो इजराइली हमले हो रहे हैं वो आतंकवाद है। आतंक को आतंक से खत्म नहीं किया जा सकता। वहीं, पिछले हफ्ते पोप ने जनता को संबोधित करते हुए कहा था- हम जंग से आगे निकल चुके हैं। ये जंग नहीं है। ये आतंकवाद है।
‘अल-अक्सा फ्लड’ के खिलाफ इजराइल का ऑपरेशन ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’
हमास ने इजराइल पर 7 अक्टूबर को हमला किया था। उसने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को ‘अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।
वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।