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- Union Minister Of State For Home Ajay Mishra Says Citizenship Amendment Act Or CAA Expected To Be Ready 30 March 2024
कोलकाता28 मिनट पहले
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उत्तर प्रदेश से भाजपा सांसद अजय मिश्रा ने नॉर्थ 24 परगना के ठाकुरनगर में मतुआ समुदाय को संबोधित कर रहे थे।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने रविवार 26 नवंबर को कहा कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम यानी CAA का फाइनल ड्राफ्ट अगले साल 30 मार्च तक तैयार होने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश से भाजपा सांसद ने नॉर्थ 24 परगना के ठाकुरनगर में मतुआ समुदाय को संबोधित कर रहे थे।
इस दौरान अजय ने कहा कि कोई भी मतुआ समुदाय से नागरिकता का अधिकार नहीं छीन सकता, जो बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न के कारण भाग गए थे।
सीएए 31 दिसंबर 2014 से पहले अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से भारत में आने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना चाहता है।
CAA के पहले भारतीय नागरिकता के लिए 11 साल भारत में रहना जरूरी था, इस समय को घटाकर 1 से 6 साल कर दिया गया है।
अजय ने कहा- अगले साल तक लागू होने की उम्मीद
अजय ने कहा कि पिछले कुछ सालों में CAA को लागू करने की प्रक्रिया में तेजी आई है। कुछ मुद्दों को सुलझाया जा रहा है। कोई भी मतुआ लोगों से नागरिकता का अधिकार नहीं छीन सकता। अगले साल मार्च तक सीएए का अंतिम मसौदा तैयार होने की उम्मीद है। उसके बाद इसे लागू किया जाएगा। इस दौरान उनके साथ स्थानीय भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर उनके साथ थे।
TMC का दावा- बंगाल में CAA नहीं लागू होगा
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के दावे पर रिएक्शन देते हुए TMC के राज्यसभा सांसद शांतनु सेन ने कहा कि भाजपा को केवल चुनाव के दौरान मतुआ और सीएए की याद आती है। भगवा पार्टी पश्चिम बंगाल में कभी भी सीएए लागू नहीं कर पाएगी। भाजपा के झूठे दावे मतुआ और बाकी जनता के सामने साफ हो चुके हैं।अगले साल के चुनावों में भगवा पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ेगा।
CAA कानून बना तो देशभर में इसका विरोध हुआ। दिल्ली का शाहीन बाग इलाका इस कानून के विरोध से जुड़े आंदोलन का केंद्र बिंदु था।
दोनों सदनों से इस तरह पास हुआ था बिल
11 दिसंबर 2019 को राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 (CAB) के पक्ष में 125 और खिलाफ में 99 वोट पड़े थे। अगले दिन 12 दिसंबर 2019 को इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई। देशभर में भारी विरोध के बीच बिल दोनों सदनों से पास होने के बाद कानून की शक्ल ले चुका था। इसे गृहमंत्री अमित शाह ने 9 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया था।
1955 के कानून में किए गए बदलाव
2016 में नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 (CAA) पेश किया गया था। इसमें 1955 के कानून में कुछ बदलाव किया जाना था। ये बदलाव थे, भारत के तीन मुस्लिम पड़ोसी देश बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देना। 12 अगस्त 2016 को इसे संयुक्त संसदीय कमेटी के पास भेजा गया। कमेटी ने 7 जनवरी 2019 को रिपोर्ट सौंपी थी।
विरोध में भड़के दंगों में 50 से ज्यादा जानें गईं
लोकसभा में आने से पहले ही ये बिल विवाद में था, लेकिन जब ये कानून बन गया तो उसके बाद इसका विरोध और तेज हो गया। दिल्ली के कई इलाकों में प्रदर्शन हुए। 23 फरवरी 2020 की रात जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पर भीड़ के इकट्ठा होने के बाद भड़की हिंसा, दंगों में तब्दील हो गई।
दिल्ली के करीब 15 इलाकों में दंगे भड़के। कई लोगों की हत्या हुई, कई लोगों को चाकू-तलवार जैसे धारदार हथियारों से हमला कर मार दिया गया। इन दंगों में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों घायल हुए थे।