8 मिनट पहले
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘निलावु कुडिचा सिम्हंल’ में चंद्रयान-2 और प्रमोशन का जिक्र किया है।
ISRO चीफ एस सोमनाथ ने दावा किया है कि उनका प्रमोशन स्पेस एजेंसी के पूर्व चीफ के. सिवन ने रोका था। वे नहीं चाहते थे कि मैं संस्था का चीफ बनूं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘निलावु कुडिचा सिम्हंल’ में इसका जिक्र किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, सोमनाथ ने अपनी किताब में चंद्रयान-2 की असफलता का भी जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि चंद्रयान-2 जल्दबाजी के कारण फैल हुआ था। मिशन से पहले किए जाने वाले सभी टेस्ट नहीं किए गए थे।
हालांकि, शनिवार को सोमनाथ ने PTI से इस बारे में बात की। उन्होंने कहा कि किताब में मैंने अपनी ISRO चीफ बनने तक की यात्रा बताई है। हर इंसान को किसी संस्थान में सबसे ऊंचे पद पर जाने के दौरान कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वैसी ही समस्याएं उनके सामने भी आईं थी।
उन्होंने कहा कि मैंने अपने जीवन में आई चुनौतियों के बारे में लिखा है। किसी के ऊपर व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की है। वो किसी एक इंसान के खिलाफ नहीं हैं।
14 जनवरी 2022 को एस सोमनाथ को ISRO चीफ चुना गया था।
चंद्रयान-2 के फेल होने पर सही जानकारी नहीं दी गई थी
सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-2 के फेल होने की घोषणा के समय जो गलतियां हुई थीं, वो छिपाई गई थीं। लैंडिंग के समय कम्युनिकेशन सिस्टम फेल हो गया था, ऐसा में यह साफ था कि यह क्रैश लैंडिंग होगी। इसकी जानकारी बाद में लोगों को दी गई थी।
एस सोमनाथ ने आगे कहा कि मिशन के दौरान जो जैसा हो रहा है, उसे उसी तरह से बताना चाहिए। सच लोगों के सामने आना चाहिए। इससे संस्थान में पारदर्शिता आती है। इसलिए किताब में चंद्रयान-2 की विफलता का जिक्र किया गया है।
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